यह ब्लॉग खोजें
शुक्रवार, 19 जून 2015
ईर्ष्या
आईना तोड़ता हूं
फिर देखता हूं
और तो़ड़ता हूं
फिर देखता हूं
जितने टुकड़े किये
उतना दिखता हूं
लेकिन पहले के मुकाबले
छोटा दिखता हूं ।
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ