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शुक्रवार, 19 जून 2015

बीड़ी वाला आदमी

सड़क पर चलता 
यह आदमी 
बीड़ी सुलगाता है 
पीता है 
खांसता है 
फिर बैठ सुस्ताता है.

यह आदमी 
जो घर-बार 
जात-पांत
धर्म-संप्रदाय
सबकुछ छोड़कर आता है
बीड़ी अपनाता है.
बीड़ी की तरह सुलगता है
बीड़ी की तरह बुझता है.