सड़क पर चलता
यह आदमी
बीड़ी सुलगाता है
पीता है
खांसता है
फिर बैठ सुस्ताता है.
यह आदमी
जो घर-बार
जात-पांत
धर्म-संप्रदाय
सबकुछ छोड़कर आता है
बीड़ी अपनाता है.
बीड़ी की तरह सुलगता है
बीड़ी की तरह बुझता है.
यह आदमी
बीड़ी सुलगाता है
पीता है
खांसता है
फिर बैठ सुस्ताता है.
यह आदमी
जो घर-बार
जात-पांत
धर्म-संप्रदाय
सबकुछ छोड़कर आता है
बीड़ी अपनाता है.
बीड़ी की तरह सुलगता है
बीड़ी की तरह बुझता है.