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बुधवार, 12 मई 2021

नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी का कॉल

 



नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी के यहां से फोन आया। कहा गया कैलाश जी आपसे बात करना चाहते हैं। कैलाश जी के साथ मेरा आत्मीय संबंध है। समय-समय पर उनके पास जाकर कुछ जरुरी बातों पर चर्चा करता रहता हूं। मुझ पर उनका स्नेह रहता है। फोन जैसे ही उनको दिया गया- उसी अपनेपन से उन्होंने बात शुरु की। मुझे अचरज हुआ कि आजकल कोरोना मरीजों की खातिर जो कुछ मैं कर रहा हूं, उसकी खबर उनतक पहुंचती है।

कोरोना के इस दौर में वैसे मैं कुछ महान नहीं कर रहा हूं। एक सजग नागरिक के नाते जो करना चाहिए, वही कर रहा हूं। अपने संपर्कों, साधनों, संसाधनों की मदद से जो कर पाने की गुंजाइश बनती है उतना कर रहा हूं।
देश में साथियों की एक जमात बन गई है, जो आवाज लगाते ही जुट जाती है और जहां जरुरत होती है, मदद पहुंच जाती है। इस दौर में मेरा निजी अनुभव ये रहा है कि इस देश में संकल्प और नीयत- यही दो ठीक हों तो आपके साथ समाज का हर आदमी खड़ा हो सकता है। मैंने बस उन्हीं दोनों का आसरा ले रखा है और मदद में लगा रहता हूं। यह अभियान उसी ताकत और शिद्दत से आप इंडिया न्यूज पर भी देख सकते हैं।
कैलाश जी को मेरा प्रयास भला लगा , उन्होंने अपनी सदिच्छा मुझतक पहुंचानी चाही और बात की। 20 मिनट की बातचीत में अधिकांश निजी और वैचारिक था- जो सिर्फ हम दोनों के लिए ही था। इसलिए कैलाश जी का शुभ संदेश ही आप लोगों के बीच रख रहा हूं। बहुत शुक्रिया कैलाश जी।