भोर का तारा-
गहरी रात में उतरती संतरी सुबह
कोहरे की नशीली महक
आदि और अंत के बीच खड़ा
दमकता लपकता प्रकाशपुंज.
गहरी रात में उतरती संतरी सुबह
कोहरे की नशीली महक
आदि और अंत के बीच खड़ा
दमकता लपकता प्रकाशपुंज.
एक अबूझ पहेली-
अनाम रिश्ता ढोता सिंदूर
दूर तक पसरा अकेलापन
अचानक से टपके कुछ बेनाम आंसू
और नरगिसी हंसी में लिपटे कुछ धूप से सवाल.
अनाम रिश्ता ढोता सिंदूर
दूर तक पसरा अकेलापन
अचानक से टपके कुछ बेनाम आंसू
और नरगिसी हंसी में लिपटे कुछ धूप से सवाल.
एक सरगम -
संदल का लहराता जंगल
दर्द गाता-गुनगुनाता दरिया
नीले आसमान को थपकियां देती रात
उमराव के अंजुमन का तराना अधूरा .
संदल का लहराता जंगल
दर्द गाता-गुनगुनाता दरिया
नीले आसमान को थपकियां देती रात
उमराव के अंजुमन का तराना अधूरा .
एक अदाकारा-
चांद से बेहतर ज़मीं की तामीर
इश्क को सलाम भेजती नज़र
लौ सी लपकती देह की लहराती कलाइयां
और चूड़ियों के बाज़ार का सबसे चमकदार रंग
चांद से बेहतर ज़मीं की तामीर
इश्क को सलाम भेजती नज़र
लौ सी लपकती देह की लहराती कलाइयां
और चूड़ियों के बाज़ार का सबसे चमकदार रंग
एक अफसाना-
बंद दरवाज़ों के बाहर ठहरी राह
तिलिस्म में लिपटे दरो-दीवार
महफिलों में अदब से झुकती जवां सुरीली रात
और दूर आसमान में भटकते चांद का अमिताभ.
बंद दरवाज़ों के बाहर ठहरी राह
तिलिस्म में लिपटे दरो-दीवार
महफिलों में अदब से झुकती जवां सुरीली रात
और दूर आसमान में भटकते चांद का अमिताभ.