धरती को चाहिए ही चाहिए
एक आसमान
आसमान जो बादलों को संभाल सके
कहकशां को अटा सके
चांदनी को पसार सके
और धूप को समेट सके
क्योंकि इन्हीं बादलों, कहकशां
चांदनी और धूप में
पलते हैं
धरती के कई सपने.
एक आसमान
आसमान जो बादलों को संभाल सके
कहकशां को अटा सके
चांदनी को पसार सके
और धूप को समेट सके
क्योंकि इन्हीं बादलों, कहकशां
चांदनी और धूप में
पलते हैं
धरती के कई सपने.