यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 22 सितंबर 2008

एगो भोजपुरी गीत

नींद से खाली अंखियन में आसमान उतरल बा
केहू के सपना सजलबा रात भर
भोर के बिस्तर के पोर पोर टूटेला
देह के दंगल चलल बा रात भर
दिन चिक्कन फागुन के अल्हड लेके दौड़े
साँझ के संग रहल बा रात भर
सहर में कोई आपन अंकवारी भर मिलल
गाँव में चाँद उगल बा रात भर

कोई टिप्पणी नहीं: