यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 3 सितंबर 2008

बाबाओं की पौ बारह है

बाबाओं की पौ बारह है आज शनि अमावस है और तमाम चैनलों पर ज्योतिषियों और बाबाओं की बकबक चल रही है । पिछले साल से यानि जनवरी २००७ से धर्म , आस्था और कर्मकांड के नाम पर ऐसे खुला खेल शुरू हुआ की आज उनकी पौ बारह है । ३-४ मार्च ( ०७) की रात पूर्ण चंद्र ग्रहण था और आजतक में मैंने बेहतर की । नतीजा ये हुआ की टीआरपी छापर फाड़ कर मिली । इसके बाद तो जैसे ग्रहों नक्षत्रों और ज्योतिषियों की किस्मत चमक गई। पहले स्टार न्यूज़ ने इसपर हाथ साफ़ करना चाह और इसी बीच इंडिया टीवी उसी दाती महाराज को लेकर तमाशा करने लगा जिन्हें साल भर पहले नकवी जी ने खली हाथ लौटा दिया था । धीरे धीरे दाती महाराज का गुरुमंत्र आजतक के लिए बड़ी परेशानी बन गया और गाहे बगाहे बाबा- पंडित-ज्योतिषी न्यूज़ चैनल पर दिखने लगे ....टीआरपी की लूट शुरू हो गई। लेकिन पिछले महीने भर से इंडिया टीवी का जादू-टोना-मंतर का फार्मूला पिट रहा है .....स्टार न्यूज़ ख़बरों पर लौट चुका है । आजतक अब भी नम्बर १ है लेकिन ख़बरों को और तलाशने-तराशने पर जोर बढ़ रहा है। आने वाले ४ राज्यों के चुनाव और फ़िर आम चुनाव को देखते हुए अब ये उम्मीद मज़बूत हो चली है की पिछले ढाई साल से ख़बरों की जो गाड़ी डेरेल हुई है वो पटरी पर लौटेगी। ये गाड़ी डेरेल कैसे हुई थी इसका ज़िक्र फिर कभी...........!

कोई टिप्पणी नहीं: