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बुधवार, 12 अक्तूबर 2016

समय जो हम हैं

समय जो हम हैं

रात के चौथे पहर में गेंहू की कटनी के लिए जाती मज़दूरिनों की चूड़ियों की आवाज़ जब आती तो दादा जी बाहर दालान में खंखारते. सलाम मालिक कहते हुए उनकी पूरी पांत तेजी से निकल जाती.
मां के पास बिस्तर में मुझे वो मजदूरिनें घर के बाहर से गुजरती हुई महसूस होतीं. सुबह-सुबह फकीरों केे फेरे गांव में लगते. शायद कबीर या रहीम को गाते . दिन में आकर अनाज मांग ले जाते. तमाशेवाले, हवा मिठाईवाले, बाइस्कोप वाले, शहद बेचनेवाले, दही बेचनेवाले, चूड़ीहारिनें, तुरहिनें ( सब्जी बेचनेवालियां) कीर्तन मंडलीवाले औऱ ऐसे बहुत सारे लोग याद आते हैं जब बचपन को लौटकर जाता हूं.
गांव का एक जीवंत समाज सजाते थे ये लोग. आज कैमरेवाले, साउंडवाले, ओबीवाले, ग्राफिक्सवाले, एडिटिंगवाले, मार्केटिंगवाले, सेल्सवाले, डिसट्रीब्यूशन वाले, एंकर, रिपोर्टर, नेता, कलाकार, हादसे , जलसे, जुलूस और दुनिया भर से बेहिसाब शक्लों में आती खबरें हैं. तब एक छोटी दुनिया थी अब एक बड़ा संसार है. तब लेमनचूस में ही दुनिया भर का रस था अब लेमनवाटर भी नियम का हिस्सा है.
दरअसल कहना ये है कि जीवन समय है. अलग अलग शक्लों में चलती-दिखती चीजें समय का स्थूल रुप हैं. चीजें हर वक्त बदलती रहती हैं, समय चलता रहता है. समय से समय मिलता है ना कि आदमी से आदमी. साथ दो घंटे दो लोग बैठे मतलब दो घंटे के लिये समय साथ चला. अगर उन दो घंटों को दोनों के जीवन से कभी भी उठा लें तो वो उनके बीच का साझा समय ही रहेगा.
जिसके साथ दो मिनट के लिये भी फोन पर ही सही, बात हुई – वो जीवन का हिस्सा है. गुजरे साल में जितने लोगों की हिस्सेदारी मेरे समय में यानी जीवन में रही उन सभी का शुक्रिया.
नए साल में आप सबका समय बलवान हो, फलवान हो और धनवान हो – मेरी यही शुभकामना है. आज 1-1-2016 हो गया. नये साल की पहली तारीख और पहला महीना. आज के दिन का योग ११ है जिसका कुल योग २ बनता है. मेरे जीवन का सबसे शुभ अंक . आप सबों को नए साल की फिर से ढेर सारी शुभकामनाएं. स्वस्थ रहें, सानंद रहे, सुरक्षित रहें और सफल रहें.